चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के “मेरे अकेलेपन का क्या सबूत दूं, तन्हाई भी पास बैठ कर रोने लगी है।” यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेना सिखाएंगी हजारों https://youtu.be/Lug0ffByUck